आज है साल की अंतिम संकष्टी चतुर्थी। दिसंबर में पड़ने वाली संकष्टी चतुर्थी को अखुरथ संकष्टी चतुर्थी कहते हैं, जो भगवान श्री गणेश को समर्पित है। अखुरथ संकष्टी चतुर्थी पर पूरे विधि-विधान से भगवान श्री गणेश का पूजन किया जाता है। जीवन के विघ्न दूर करने के लिए कई लोगों इस दिन व्रत भी रखते हैं, जिसका पारण चंद्रमा के दर्शन करने के बाद ही किया जाता है। इसलिए आइए जानते हैं अखुरथ संकष्टी चतुर्थी पूजा का शुभ मुहूर्त, विधि और चंद्रोदय का समय-
पौष महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि की शुरुआत 30 दिसंबर को सुबह 9:43 मिनट से होगी और इसके अगले दिन यानि 31 दिसंबर को सुबह 11:55 मिनट पर तिथि का समापन होगा।
अखुरथ संकष्टी चतुर्थी शुभ मुहूर्त
संकष्टी चतुर्थी तिथि की शुरुआत- दिसम्बर 30, 2023 को 09:43 ए एम बजे
संकष्टी चतुर्थी तिथि समाप्त – दिसम्बर 31, 2023 को 11:55 ए एम बजे
चंद्र दर्शन समय- 08:36 पी एम
अभिजित मुहूर्त- 11:48 ए एम से 12:30 पी एम
राहुकाल- 09:32 ए एम से 10:50 ए एम
पूजा की विधि
1- भगवान गणेश जी का जलाभिषेक करें
2- गणेश भगवान को पुष्प, फल चढ़ाएं और पीला चंदन लगाएं
3- तिल या बूंदी के लड्डू का भोग लगाएं
4- संकष्टी चतुर्थी कथा का पाठ करें
5- ॐ गं गणपतये नमः मंत्र का जाप करें
6- पूरी श्रद्धा के साथ गणेश जी की आरती करें
7- चंद्रमा के दर्शन करें और अर्घ्य दें
8- व्रत का पारण करें
9- क्षमा प्रार्थना करें