भू-मामलों में फर्ज़ीवाड़ा, SIT का बढ़ा कार्यकाल, साथ ही मिला FIR का अधिकार

देहरादून में जमीनों के मामलों में हो रही धांधली की जांचो के लिए गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) का कार्यकाल 31 मार्च 2024 तक बढ़ा दिया गया है। वहीं एसआईटी को एक और जिम्मेदारी भी सौंप दी गई है। अब एसआईटी सभी फर्ज़ीवाड़े के मामलों में प्राथमिकी दर्ज (FIR) कराने का भी अधिकार सौंप दिया गया है। वित्त मंत्री प्रेमचंद्र अग्रवाल ने समिति का कार्यकाल और अधिकार बढ़ाने के सम्भन्द में फाइल पर अपना अनुमोदन दे दिया है।

SIT अब भू-अभिलेख और भूमि विक्रय के फर्ज़ीवाड़े के मामलों और शिकायतों की जांच केस टू केस के आधार पर कर उसका निपटारा करेगी। जिस वजह से SIT का कार्यकाल भी बढ़ा दिया गया है।

जमीनों से जुड़े फ़र्ज़ीवाड़ो की 150 से ज्यादा शिकायत है अब तक एसआईटी के पास आ चुके हैं। एसआईटी द्वारा भूमि अथवा संपत्ति के दस्तावेजों के पंजीकरण में हुई जालसाजी, किसी अन्य व्यक्ति को भू स्वामी अथवा संपत्ति स्वामी दिखाकर फर्जी कागजात बनाकर धनराशि हड़पने के मामले की जांच की जा रही है। नए आदेश के अनुसार सभी मामलों में या तो SIT खुद अपने स्तर से कार्रवाई कराएगी या फिर सम्बंधित एजेंसियों या विभागों को मामले हस्तातरित करेगी।

सुरेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में बनी एसआईटी में पुलिस अधीक्षक (यातायात) सर्वेश पंवार नोडल सदस्य के तौर पर, एआईजी अतुल कुमार शर्मा और दून के एडीएम वित्त शामिल है।

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